सिंधियों के त्योहार
चेटीचण्ड (चैत्र शुक्ल एकम्)-भगवान झूलेलाल जी का इस दिन जन्म हुआ था, इसी कारण इसे झूलेलाल जयन्ती भी कहते हैं।
ध्यातव्य रहे-झूलेलाल जी का जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के थट्टा नामक स्थान पर हुआ, जिन्होंने सिंध की प्रजा को सिंध के राजा मृगशाह के अत्याचारों से मुक्त कराया। भगवान झूलेलाल को वरूण का अवतार माना जाता है।
2. थदड़ी सातम (भाद्रपद कृष्ण सप्तमी) -
इस दिन सिंधी समाज में ठण्डा भोजन किया जाता है, इसी कारण इसे बास्योड़ा / बड़ी सातम भी कहते हैं।
- चालीसा महोत्सव - (16 जुलाई से 24 अगस्त) ।
- असूचंड पर्व (शुक्ल पक्ष चतुर्दशी) - इस दिन झूलेलाल जी अंतर्ध्यान (मृत्यु) हुए थे।
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